सीख की राह पर साझेदारी: युवाओं का दिल्ली सफर
- Samanta
- 2 hours ago
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हमारा दृष्टिकोण
प्रत्येक युवा परिवर्तन लाने के लिए सामुदायिक नेतृत्व करने में सक्षम है
हमारा मिशन
2027 तक PARVAT यूथ कलेक्टिव कार्यक्रम के माध्यम से सुदूर आदिवासी समुदायों के 100 युवा तक पहुँचना जहां यह सबसे ज्यादा मायने रखता है वहां प्रभाव पैदा करना|
PARVAT यूथ कलेक्टिव उत्तराखंड के सबसे दूरदराज के क्षेत्रों में जीवन बदल रहा है, जिस पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है वनवासी, ग्रामीण, जनजातीय और देहाती खानाबदोश समुदाय। हमारा कार्य केन्द्र राजाजी टाइगर रिजर्व के आसपास हैं
हमारा बढ़ता प्रभाव, सामुदायिक पहुंच
● राजाजी टाइगर रिजर्व के आसपास के 2 वन ब्लॉकों के 34 गांव अब हमारे माध्यम से जुड़े हुए हैं
● 300 युवाओं ने सामुदायिक बैठकों, आउटरीच कार्यक्रमों और जागरूकता में सक्रिय रूप से भाग लिया है
● 50 समर्पित युवा हमारे PARVAT यूथ कलेक्टिव का मूल हिस्सा हैं
हमारे प्रभाव को वास्तव में उल्लेखनीय बनाने वाली बात यह है कि हमारे 90% से अधिक प्रतिभागी दूर-दराज की लड़कियाँ हैं| युवा महिलाएं जो बाधाओं को तोड़ रही हैं और अपने भविष्य को नया आकार दे रही हैं।
एक्सपोज़र विजिट योजना
अपनी योजना के हिस्से के रूप में हमने युवाओं के लिए दिल्ली में एक एक्सपोज़र विजिट निर्धारित की है। यह प्रदान करने के लिए है
युवा जोखिम:
1. प्रमुख शैक्षणिक संस्थान
2. भारत का समृद्ध इतिहास और संस्कृति
3. स्नातक एवं स्नातकोत्तर अध्ययन
4. नेतृत्व सत्र
5. कार्यशालाएँ
दिन 1: दिल्ली विश्वविद्यालय भ्रमण
यात्रा की शुरुआत गैंडीखाता से हुई। दिल्ली पहुँचकर सभी प्रतिभागियों ने हरिजन सेवा संघ में अपना सामान रखा और फिर दिल्ली विश्वविद्यालय के भ्रमण के लिए रवाना हुए।

विश्वविद्यालय का विशाल और सुंदर परिसर देखकर सभी प्रतिभागी अत्यंत प्रभावित हुए। विभिन्न विभागों का अवलोकन किया गया और वहाँ की शैक्षणिक व सांस्कृतिक गतिविधियों के बारे में जानकारी प्राप्त की गई। यह बताया गया कि दिल्ली विश्वविद्यालय न केवल पढ़ाई पर बल्कि सांस्कृतिक कार्यक्रमों और सामाजिक गतिविधियों पर भी विशेष ध्यान देता है।
यहाँ बताया गया कि Social Science में M.A. कराया जाता है। तान्या दीदी और प्रशांत भाई ने भी यहीं से सोशल साइंस में M.A. की पढ़ाई की है।
टीम की मुलाकात Prof. मालती जी, Prof. थॉमस, और Prof. सुधीर जी से हुई।

Prof. सुधीर जी ने बताया कि उनकी प्रारंभिक शिक्षा गाँव के सरकारी विद्यालय में हिंदी माध्यम से हुई थी, लेकिन लगन और अनुशासन से उन्होंने अंग्रेज़ी भाषा में दक्षता प्राप्त की और आज दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं।
इस अनुभव से यह सीख मिली कि यदि व्यक्ति में मेहनत और निरंतरता हो तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है। यह दिन सभी प्रतिभागियों के लिए प्रेरणादायक रहा और उच्च शिक्षा के प्रति नई दृष्टि मिली।

दिन 2: राजघाट एवं Goonj संस्था भ्रमण
दूसरे दिन सुबह 7:00 बजे सभी प्रतिभागी राजघाट पहुँचे, जहाँ उन्होंने महात्मा गांधी जी की समाधि देखी और श्रद्धांजलि अर्पित की और स्थल का अवलोकन किया।

दोपहर में सभी Goonj संस्था पहुँचे। वहाँ संस्था के कार्य, इतिहास और उद्देश्य के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। बताया गया कि Goonj की स्थापना 1999 में अंशु गुप्ता जी ने की थी, जिनका उद्देश्य शहरों के पुराने कपड़ों को गरिमा के साथ गाँवों के जरूरतमंद लोगों तक पहुँचाना था।

संस्था के प्रमुख कार्य क्षेत्र निम्नलिखित हैं ,
1. आपदा राहत
2. पुनः उपयोग एवं पुनर्चक्रण
3. शिक्षा सहयोग
4. महिला स्वच्छता किट निर्माण
5. कार्य के बदले वस्त्र योजना
6. सतत विकास कार्यक्रम
इस भ्रमण से प्रतिभागियों को समाजसेवा और संसाधनों के उपयोग की गहरी समझ प्राप्त हुई।
दिन 3: ऐतिहासिक भ्रमण एवं प्रेरक सत्र
तीसरे दिन प्रतिभागियों ने सुबह हुमायूं का मकबरा देखा। वहाँ की स्थापत्य कला और ऐतिहासिक महत्व के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की गई।
इसके बाद उल्लास जी का प्रेरक सत्र हुआ, जिसमें उन्होंने बताया कि उन्होंने पाँच वर्षों में लगभग दो हजार पुस्तकें पढ़ीं और नियमित अभ्यास से अंग्रेज़ी भाषा पर महारत हासिल की। उन्होंने प्रतिभागियों को यह प्रेरणा दी कि रोज़ पढ़ना, बोलना और लिखना अंग्रेज़ी सुधारने का सर्वोत्तम तरीका है।

इसके पश्चात् सभी ने अंकित सर के साथ लंच किया और फिर Museum of Cloth and Culture का भ्रमण किया। यहाँ भारत की विविध सांस्कृतिक परंपराओं की झलक देखने को मिली।
प्रतिभागियों ने अपनी संस्कृति से जुड़ी वस्तुएँ साझा कीं जैसे चरखा, गज टोपी, मिट्टी के बर्तन, चांदी के कड़े, तलवार, हुक्का, पीतल का पतीला, सुरमेदानी और पानदान।
दिन के अंत में तान्या दीदी द्वारा “Mind Jogging” गतिविधि कराई गई, जिससे सभी प्रतिभागियों में आत्मविश्वास और ऊर्जा का संचार हुआ।
दिन 4: टेक महिंद्रा फाउंडेशन भ्रमण एवं कौशल विकास सत्र
चौथे दिन सभी प्रतिभागी टेक महिंद्रा फाउंडेशन पहुँचे, जहाँ कार्यक्रम का आयोजन एक सुंदर प्राकृतिक स्थल पर किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य टीमवर्क, आत्मविश्वास और नई स्किल्स का विकास था।

साहिर सर और विजेंद्र सर ने Communication Skills पर सत्र लिया, जिसमें WPR (Writing, Presentation, Reading) की जानकारी दी गई। प्रतिभागियों ने आत्मविश्वास के साथ बोलने और लिखने का अभ्यास किया।

निधि मैम ने Skill Development and Career Opportunities पर सत्र लिया और बताया कि हेल्थकेयर एवं तकनीकी क्षेत्रों में कई रोजगारपरक कोर्स उपलब्ध हैं, जैसे -
Hospital Management
Dialysis Technician
Medical Lab Technician

दिन का समापन प्रेरक संदेश के साथ हुआ कि
सफलता केवल पढ़ाई से नहीं, बल्कि आत्मविश्वास, टीमवर्क और सीखने की निरंतर इच्छा से मिलती है।
निष्कर्ष:
यह चार दिवसीय एक्सपोज़र विज़िट सभी प्रतिभागियों के लिए अत्यंत उपयोगी और प्रेरणादायक रही। इस यात्रा के दौरान प्रतिभागियों ने शिक्षा, इतिहास, समाजसेवा और करियर से जुड़े कई महत्वपूर्ण अनुभव प्राप्त किए। इसने हमें यह सिखाया कि सीखना केवल पुस्तकों से नहीं, बल्कि अनुभवों, लोगों और परिस्थितियों से भी होता है।
इस यात्रा से यह भी समझ आया कि युवाओं में एक्सपोज़र और व्यावहारिक ज्ञान की कमी है, लेकिन उनके अंदर प्रश्न पूछने की रुचि, जिज्ञासा और आपसी समन्वय की भावना बहुत मजबूत है। ऐसे कार्यक्रम युवाओं को नई दिशा देने में मदद करते हैं और हमें प्रेरित करते हैं कि हम आगे बढ़कर सीखने और समाज में योगदान देने के नए कदम उठाएँ।
By Prashant Anand
Co-Founder, Samanta Foundation










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