मेरा अनुभव – युवाओं के साथ साझेदारी की एक यात्रा
- Samanta
- 2 hours ago
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समानता में काम करते हुए मेरा अधिकतर समय युवाओं के साथ ही बीतता है। मेरा काम सिर्फ उन्हें समझाना या मार्गदर्शन देना नहीं है, बल्कि उनके साथ एक साझेदारी बनाना है ताकि हम मिलकर सीख सकें, बढ़ सकें और एक-दूसरे की क्षमताओं को पहचान सकें।
समानता फाउंडेशन में हम यह मानते हैं कि हर युवा के अंदर कुछ खास प्रतिभा होती है। हम उसी स्किल पर काम करते हैं, उन्हें यह बताने की कोशिश करते हैं कि वे क्या-क्या कर सकते हैं और अपने अंदर के आत्मविश्वास को कैसे मजबूत बना सकते हैं। इस प्रक्रिया में युवाओं के साथ हमारा रिश्ता सिर्फ "मार्गदर्शक और प्रतिभागी" का नहीं, बल्कि "साझेदार" का बन जाता है।

हमारे साथ जुड़ी एक युवा जीनत साथी ने Holistic Education Fair के दौरान अपने हाथों से सिलाई करके एक बैनर बनाया था। यह सिर्फ एक बैनर नहीं था, यह एक प्रतीक था साझेदारी और आत्मनिर्भरता का। उसने न केवल कार्यक्रम को सफल बनाने में योगदान दिया, बल्कि यह भी दिखाया कि जब किसी को मौका और विश्वास किया जाए, तो वह किसी भी चुनौती को पार कर सकता है।

शुरुआत में मुझे लगता था कि मैं इस तरह का काम नहीं कर पाऊँगी। लेकिन समानता में काम करते हुए मुझे यह समझ आया कि असली ताकत टीमवर्क और साझेदारी में है। अब मुझे युवाओं से मिलना, नई जगहों पर जाना और उनसे बात करना बहुत अच्छा लगता है। हर बातचीत मुझे कुछ नया सिखाती है और मेरा आत्मविश्वास बढ़ाती है।

हम पर्वत यूथ कलेक्टिव के माध्यम से दिल्ली एक्सपोज़र विज़िट पर भी गए, जहाँ मुझे देशभर के युवाओं से मिलने और उनकी कहानियाँ सुनने का अवसर मिला। वहाँ मैंने देखा कि जब युवा और संगठन साथ मिलकर काम करते हैं, तो छोटे-छोटे कदम भी बड़े बदलाव लाते हैं। इस यात्रा ने मुझे यह सिखाया कि साझेदारी केवल एक विचार नहीं, बल्कि एक प्रक्रिया है जो हमें एक-दूसरे से जोड़ती है।

आज मुझे गर्व है कि मैं समानता फाउंडेशन का हिस्सा हूँ। इस संस्था ने मुझे यह सिखाया कि partnership का असली अर्थ साथ चलना, एक-दूसरे पर भरोसा करना, और मिलकर बदलाव की दिशा में काम करना है। युवाओं के साथ मेरी यह साझेदारी न सिर्फ उनके जीवन में परिवर्तन ला रही है, बल्कि मेरे भीतर भी एक नई दृष्टि और ऊर्जा पैदा कर रही है।
Gulista
Program Associate
PYC










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