top of page
  • Writer's pictureSamanta

IMPACT x STORIES - 4




इस महीने मैं बच्चों से मिलता रहा। छुट्टियों में भी और बच्चों का मेरे साथ काफी जुड़ाव रहा। छुट्टियों के बाद जब मैंने पीबीएल करना स्टार्ट किया (Be Your Own Author) तो कक्षा 5 के बच्चों को मैंने बोला कि तुम्हें अपने मन से कोई कहानी लिखनी है। मैंने बच्चों को पढ़ने के लिए बहुत सारी किताबें दी। मैंने बच्चों को बताया इन किताबों को पढ़ो और तुम भी इसी तरह कहानी लिखो। लेकिन बच्चों को समझ में नहीं आ रहा था कि किस टाइप की कहानी लिखनी है। मैंने बच्चों को यह भी बताया कि तुम से जुड़ी कोई घटना या कोई भी कहानी तुम्हें आती हो या तुम्हारे घर वालों ने को सुनाई हो वह भी लिख सकते हो। लेकिन बच्चे नहीं लिख पाए। फिर मैंने बच्चों को अपनी कहानी बताई। मैंने उन्हें बताया कि मैं कैसे स्कूल जाता था, कैसे मैंने अपनी पढ़ाई शुरू की और मेरा स्कूल कहाँ था।


मैं उन्हें अपनी कहानी सुनाने के साथ उससे जुड़े चित्र भी बनाता चल रहा था। मैंने अभी कहानी पूरी भी नहीं की थी के बच्चों ने अपनी अपनी कहानियां लिखनी शूरू कर दी और वे अपने अनुभवों को कहानी के रूप में बताने लग गये। देखने वाली चीज यह थी कि हर बच्चा सोचने लग गया। “मेरे साथ क्या हुआ? मेरे साथ कौन था? वे इन छोटे छोटे सवालो के जवाब खोजने लग गये और देखते ही देखते बच्चों ने अपनी कहानी लिख दी। कक्षा 5 की लड़कियों ने भी कहानियां लिखी थी। मैंने उनकी कहानियां पढ़नी शुरू की तो लड़कियां एक दूसरे के पीछे छुप छुप कर मेरी तरफ देखती रही और हस्ती रही। पर गजब की बात तो यह है बच्चों ने अपनी कहानी को छोड़कर अपने परिवार के सदस्य की कहानी भी लिख डाली। उसके बाद आज भी कक्षा 3 और 4 और 5 के बच्चे कहानियां लिखकर लाते हैं। रोज मुझे चेक कराते हैं और बच्चों को हर दिन कुछ ना कुछ लेकर आने की आदत हो गई है।



By Saddam

1 view

Recent Posts

See All

जून की छुट्टियां खत्म हो चुकी थी और स्कूल खुलने वाले थे। मैं इस चीज को लेकर बहुत खुश थी कि अब मैं स्कूल जाकर अपने पीबीएल पर अच्छे से काम कर पाऊंगी। ट्रेनिंग के बाद मैं समझ गई थी के बच्चो PBL के सभी एल

मेरी कहानी की शुरुआत होती है, जैसे कि हमने पीबीएल प्रोजेक्ट करना था और हमारा पीबीएल प्रोजेक्ट था "Make your own Poem" बच्चो को खुद से पोएम बनानी थी। ये बात सुनकर बच्चे एक दम से बोले हमे नहीं आती खुद स

bottom of page