कोशिश
- Samanta
- Jun 16
- 2 min read
मई महीने में हमारे आंगनबाड़ी केंद्र में पेरेंट्स इंगेजमेंट पर विशेष जोर दिया गया। इस माह मैंने न केवल पेरेंट्स को बच्चों की लर्निंग प्रक्रिया में शामिल किया, बल्कि उन्हें यह भी सिखाया कि वे अपने बच्चों की शिक्षा में प्रभावी रूप से कैसे मदद कर सकते हैं। इसका उद्देश्य बच्चों की शिक्षा को घर और केंद्र दोनों जगह मज़बूत बनाना था। पेरेंट्स को शामिल करने से पहले मैंने उन्हें यह समझाया कि वे किस तरह से बच्चों की शिक्षा में भाग ले सकते हैं।

उदाहरणों और आसान तरीकों के माध्यम से यह बताया गया कि छोटे बच्चों को खेल-खेल में किस तरह सिखाया जाता है। हर महीने की तरह इस माह भी हमने पीएलसी का आयोजन किया, लेकिन इस बार पेरेंट्स को भी इसमें सक्रिय रूप से शामिल किया गया। पेरेंट्स के लिए मजेदार गतिविधियाँ रखी गईं, जैसे रंग-बिरंगे खिलौने दिखाकर बच्चों को उनसे सीखने के लिए प्रेरित करना, कप्स को बैलेंस के साथ जोड़ना और उनकी काउंटिंग करवाना। ये गेम्स पेरेंट्स और बच्चों दोनों ने मिलकर बहुत आनंद से किए। पेरेंट्स ने खुद देखा कि उनके बच्चे इन गतिविधियों के ज़रिए कैसे सीख रहे हैं। कुछ पेरेंट्स ने टीएलएम (Teaching Learning Material) का उपयोग करके बच्चों को सिखाने में रुचि भी दिखाई।

मैने पेरेंट्स को उनके बच्चों की उम्र के अनुसार कविताएं और कहानियां पढ़ने के लिए प्रेरित किया। जिन पेरेंट्स की पढ़ाई-लिखाई अच्छी थी, उन्हें ड्रॉइंग किट और लर्निंग किट के ज़रिए बच्चों को सिखाने के लिए उत्साहित किया गया। इससे बच्चों को न केवल मज़ा आया, बल्कि उनकी सीखने की रुचि भी बढ़ी। कुछ पेरेंट्स ने अपने बच्चों की रुचि को पहचानकर उसी अनुसार उन्हें सिखाने की कोशिश की। जैसे यदि किसी बच्चे को रंग पसंद हैं, तो उसे रंगों के माध्यम से सिखाया गया। इस पद्धति ने बच्चों में और अधिक उत्साह पैदा किया। पीएलसी के दौरान पेरेंट्स ने खुद केंद्र में आकर बच्चों को सिखाने में योगदान दिया। उन्होंने यह भी साझा किया कि अब वे घर पर भी अपने बच्चों को इसी तरह मजेदार तरीकों से सिखाने की कोशिश करेंगे। पेरेंट्स ने अनुभव किया कि खेल-खेल में पढ़ाई बच्चों के लिए ज़्यादा प्रभावी होती है। पीएलसी के अंत में पेरेंट्स ने हमें फीडबैक दिया कि टीएलएम और अन्य शैक्षणिक सामग्री के उपयोग से बच्चे कितनी आसानी से सीख पा रहे हैं। उन्होंने हमारी टीम और केंद्र की कार्यकर्ताओं की सराहना की और भविष्य में भी ऐसे आयोजनों में भाग लेने की इच्छा जताई। मई माह का यह अनुभव बहुत ही सकारात्मक रहा। पेरेंट्स की सक्रिय भागीदारी ने न केवल बच्चों की लर्निंग को बेहतर बनाया, बल्कि घर-परिवार में भी एक सकारात्मक माहौल तैयार किया। भविष्य में भी मैं इसी तरह पेरेंट्स को बच्चों की शिक्षा में और अधिक जोड़ने के प्रयास करती रहूंगी।
By Malika (SEEDS- Educator)
Comments