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आंगनवाड़ी में बदलाव

Writer's picture: SamantaSamanta

नवंबर का महीना मेरे लिए बहुत खास रहा। इस महीने मैंने कई चुनौतियों का सामना किया और उन्हें हल करने का तरीका भी ढूंढा। यह महीना बदलाव और सीखने का रहा, जिसने मुझे और बेहतर बनने का मौका दिया।


वर्कर्स के साथ बेहतर तालमेल


शुरुआत में वर्कर्स के साथ कनेक्शन बनाना मेरे लिए मुश्किल था। लेकिन धीरे-धीरे मैंने इस समस्या का समाधान निकाला। मैंने हेल्पर को अपने काम में शामिल किया और उन्हें बच्चों की गतिविधियों का हिस्सा बनाया। इससे बच्चों के साथ मेरा रिश्ता और मजबूत हुआ।


अब बच्चों के साथ मेरा कनेक्शन पहले से अधिक मजबूत हो गया है। मैं उन्हें नियमित लेसन प्लान के अनुसार सिखाती हूं, और वे मेरी बात को अच्छे से समझते हैं। बच्चों की उपस्थिति भी बढ़ गई है, और वे नियमित रूप से आंगनवाड़ी आने लगे हैं। बच्चों की उत्सुकता का पता इस बात से चलता है कि छुट्टी के दिन भी वे मेरा इंतजार करते हैं।



मैंने बच्चों के लिए उनके पसंदीदा खेलों की योजना बनाई और उनके साथ खेलने का आनंद लिया। इससे बच्चों का झिझक और डर खत्म हो गया है। अब वे मुझसे खुलकर बात करते हैं और अपनी समस्याएं भी साझा करते हैं। 


आंगनवाड़ी में बच्चों द्वारा बनाई गई चीजें दीवारों पर लगाई जाने लगी हैं। इससे बच्चों और उनके पेरेंट्स को यह अहसास होता है कि बच्चे यहां कुछ नया सीख रहे हैं। यह बदलाव बच्चों और पेरेंट्स के बीच विश्वास बढ़ाने में मदद कर रहा है।


पेरेंट्स लर्निंग सर्कल (PLC) 


इस महीने मैंने पेरेंट्स से PLC (Parents Learning Circle) की चर्चा की और उन्हें इसके महत्व के बारे में बताया। पेरेंट्स ने तारीख तय की और मैंने PLC का आयोजन किया। इस बार की PLC में 12 पेरेंट्स शामिल हुए, साथ ही प्रिंसिपल, वर्कर, और हेल्पर ने भी पूरा सहयोग दिया। इस बातचीत से पेरेंट्स को बच्चों की शिक्षा और उनके विकास की प्रक्रिया के बारे में जानकारी मिली।


हालांकि, समुदाय के लोगों को बच्चों की शिक्षा और आंगनवाड़ी के महत्व को समझाने में अभी भी चुनौतियां हैं। कुछ लोग अभी भी आंगनवाड़ी और शिक्षा के महत्व को गंभीरता से नहीं लेते। लेकिन मुझे विश्वास है कि धैर्य और निरंतर प्रयास से यह समस्या भी हल हो जाएगी।


Written by Malika

SEEDS, Fellow Trainee

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